जिसने भी जो किया अच्छा किया
अच्छा बुरा जो किया अच्छा किया.
अपने हैं यहाँ जो दे देते हैं सबक
हमने भी ले लिया अच्छा किया.
दुनिया में कोई अपना नहीं ‘समीर’
हमने पहचान लिया अच्छा किया.
गिला शिकवा किसी से क्या करें
भोगा अपना
ही किया अच्छा किया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें